Translate

Featured post

क्षेत्रीय सुरक्षा , शांति और सहयोग की प्रबल संभावना – चीथड़ों में लिपटी पाकिस्तान की राष्ट्रीयत

“ क्षेत्रीय सुरक्षा , शांति और सहयोग की प्रबल संभावना – चीथड़ों में लिपटी पाकिस्तान की राष्ट्रीयत ा “ —गोलोक विहारी राय पिछले कुछ वर्षों...

Thursday, 12 October 2017

विचारों की सरहद में

विचारों की सरहद में

कोई सपना
देखने से पहले
यह कहाँ
सोचा था हमने कि
विचारों, सोच की भी
कोई सरहद
हुआ करती है
आज खाई हुई
ठोकर से
आने वाला कल
संभलने वाला है
यही सोचकर आज
हमने दिया है
हर जख्म को दिलासा
ये समय, हर घाव
भरने वाला है
घायल हैं
कुछ इस तरह
आत्मा अपनी
अब कहाँ है? हम
उस ईश तक पहुँच पायेंगे
इस दुनिया से
विदा होकर
जाने कहाँ ? जायेंगे


0 comments: