आज महागौरी सर्वसिद्धिदात्री
महाष्टिमी, कालरात्रि
निशा आराधना
प्रकाश की लालसा
नव ज्योतिपुंज का आविर्भाव
आज महागौरी सर्वसिद्धिदात्री
महाष्टिमी, कालरात्रि
निशा आराधना
प्रकाश की लालसा
नव ज्योतिपुंज का आविर्भाव
महाष्टिमी, कालरात्रि
निशा आराधना
प्रकाश की लालसा
नव ज्योतिपुंज का आविर्भाव
आज महागौरी सर्वसिद्धिदात्री
महाष्टिमी, कालरात्रि
निशा आराधना
प्रकाश की लालसा
नव ज्योतिपुंज का आविर्भाव
आनेवाली विजयादशमी
जलेगा रावण, पर
पर वातावरण का ठहराव
सामने खड़ा प्रदूषण
दैविक, दैहिक, भौतिक
पर वातावरण का ठहराव
सामने खड़ा प्रदूषण
दैविक, दैहिक, भौतिक
बर्फ से ढ़का पहाड़
पहाड़ से ढ़का
दुख का पहाड़
संवेदनाओं के पिघलते
हिमनद, और
जीते हैं हम
पहाड़ की व्यथा
पहाड़ से ढ़का
दुख का पहाड़
संवेदनाओं के पिघलते
हिमनद, और
जीते हैं हम
पहाड़ की व्यथा
नदी पूर्णतः शान्त थी
आज यों ही कुछ
उदास थी
सोई थी पानी में
एक दर्पण सदृश
जिस पर पड़े थे
बादल के वस्त्र
आज महागौरी, सिद्धिदात्री
कालाष्टमी निशापूजा को भी
उसको जगाया नहीं
दबे पाँव लौट आया
आज यों ही कुछ
उदास थी
सोई थी पानी में
एक दर्पण सदृश
जिस पर पड़े थे
बादल के वस्त्र
आज महागौरी, सिद्धिदात्री
कालाष्टमी निशापूजा को भी
उसको जगाया नहीं
दबे पाँव लौट आया
वापस हो
शब्द मेरे
मुखर होते हैं
दबी हुई संवेदनाओं को
आकृति देने को
उसी समय एक
“मौन”
उपजता है मन में
जो मौन होता है
अंतहीन
समाधि सा
शब्द मेरे
मुखर होते हैं
दबी हुई संवेदनाओं को
आकृति देने को
उसी समय एक
“मौन”
उपजता है मन में
जो मौन होता है
अंतहीन
समाधि सा
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