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क्षेत्रीय सुरक्षा , शांति और सहयोग की प्रबल संभावना – चीथड़ों में लिपटी पाकिस्तान की राष्ट्रीयत

“ क्षेत्रीय सुरक्षा , शांति और सहयोग की प्रबल संभावना – चीथड़ों में लिपटी पाकिस्तान की राष्ट्रीयत ा “ —गोलोक विहारी राय पिछले कुछ वर्षों...

Thursday, 28 March 2024

क्षेत्रीय सुरक्षा , शांति और सहयोग की प्रबल संभावना – चीथड़ों में लिपटी पाकिस्तान की राष्ट्रीयत

“क्षेत्रीय सुरक्षा , शांति और सहयोग की प्रबल संभावना – चीथड़ों में लिपटी पाकिस्तान की राष्ट्रीयता “ —गोलोक विहारी राय पिछले कुछ वर्षों में, जहां पाकिस्तान में जातीय, नस्ली, क़ौमी भेदभाव और अन्यायपूर्ण भिन्नता के कारण क्षेत्रीय भाषायी पहचान अस्मिता और राष्ट्रीय मुक्ति की संघर्ष की आवाजों की गतिशीलता बढ़ी वहीं पाकिस्तान को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, जिसने राजनीतिक और आर्थिक दोनों मोर्चों पर उसकी प्रगति और स्थिरता में बाधा उत्पन्न की। इन मुद्दों का देश और वहाँ के लोगों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा। राजनीतिक रूप से, पाकिस्तान ने कई राजनीतिक उथल-पुथल का अनुभव किया, जिसमें सरकार में बार-बार बदलाव, सैन्य हस्तक्षेप और एक जटिल नागरिक-सैन्य संबंध...
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बलूच गाथा -५ बलूचिस्तान स्वतंत्रता का पाँचवा सोपान

वर्तमान में बलूचिस्तान स्वतंत्रता आंदोलन का पाँचवा अध्याय: इस्लामाबाद और रावलपिंडी के सैन्य शासकों ने बलूच जनता को स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने से रोकने के लिए एड़ी-चोटी का ज़ोर लगाया। आईएसआई ने बलूचिस्तान के विभिन्न जिलों में मदरसे स्थापित करके पूर्व सेना प्रमुख जनरल जिया उल हक की विरासत को आगे बढ़ाया। उन्होंने युवाओं को भर्ती करके बलूच समाज के लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को कमजोर करने की कोशिश की। भारत और अफगानिस्तान के खिलाफ उनका ब्रेनवॉश करने की कोशिश की गई।आज बलूच स्मिता को लेकर बलूचिस्तान की स्वतंत्रता व मुक्ति के लिये दर्जन भर संगठन जैसे : BLA, BLF, LeB, BLUF, BSO(Azad), BNA, BRA, UBA आदि सक्रिय व संघर्षरत हैं। नवाब खैर...
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Sunday, 22 November 2020

तंग गली शहर का

बरबस उतारने लगे, नाग असर जहर का। कंगन कलाई की, पूछती भाव खँजर का। ज़िंदगी! मैंने देखी, बार- बार कई बार, पुजारी अमन के, पर नोचते कबूतर का। करतूत अब बखानती, तंग गली शहर का .... कहते कहानी भौंरे, कलियों के कहर का। काँटे लगाते फूलों पर, मरहम नश्तर का। शतरंजी प्यार में, पिट गए मोहरे सभी, दिखाकर वजीर, चलती गयी चाल नज़र का। करतूत अब बखानती, तंग गली शहर का ... करतूत अब बखानती, तंग गली शहर का। उगलने लगती भँवरी, राज अब लहर का। तरसती रही नदिया, दरिया से मिलने को, बनकर दीवार खड़े, रहबर अब डगर का। करतूत अब बखानती, तंग गली शहर का ....
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Saturday, 29 August 2020

अनुच्छेद 370 की समाप्ति : एक वर्ष बाद

५ अगस्त को अनुच्छेद ३७० की समाप्ति का एक वर्ष पूरा होगया । एक वर्ष में वहाँ क्या बदला इसका आकलन रोचक होगा।दरअसल १ वर्ष का समय बदलाव की पूरी तश्वीर को बयां नहीं कर सकती, वह भी कोरोना महामारी के समय जब पूरा तंत्र पिछले ६ महीने से उसी में जुझा हुआ है। फिरभी परिवर्तन की कई बानगियाँ दिखाई दे रही है। अगर इसको खंडो में बाँट के देखे तो इसका विस्तार राजनितिक, समाजिक, सांस्कृतिक और प्रशासनिक ढांचों के तहत किया जा सकता है। पहला राजनीतिक जिस विधान सभा में शेख अब्दुल्लाह ५ नवंबर को भाषण देते हुए अनुच्छेद ३७० की महिमा गाथा रची थी जिसमे उन्होंने कहाँ था कि भारतीय मुसलमानो के लिए यह अनुच्छेद धर्म-निरपेक्षता का आईना होगा, सब जातियों के लिए एक सामान ब्यस्था बनेगी...
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For a long times, China looked like this.......
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Wednesday, 6 May 2020

What will the Balkanisation map of China look like?

When Balkanisation occurred in China what would the most powerful states be? Source:Zeshan Mahmood, studied Geograph...
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Tuesday, 5 May 2020

If China balkanized (2027), how would it be divided ? यदि चीन 2027 में विघटित होगा तो उसका स्वरूप क्या होगा ?

If China balkanized (2027), how would it be divided ? यदि चीन 2027 में विघटित होगा तो उसका स्वरूप क्या होगा...
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Friday, 29 March 2019

No More Pakistan

* "Pakistan : Nationalism Without A Nation" — Christophe Jaffrelot * " Pakistan will be finished till 2024 " — Dr. Israr Ahmed, the great thinker of Pak * " Afghanistan and Pakistan together will become a political entity in future " — The End Of Earth by Robert D Kaplan Sardar Akhter Mengal resigned from Baloch National Party in 1998 in protest against the conduct of the Nuclear Test in Baloochistan because, he claimed, they had been decided without consulting him and the honour of the Baluchis was at stake. After the resigned, Mangel reverted back to his traditional Baluch nationalist discourse. In an interview to the Muslim he declared,...
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Thursday, 16 August 2018

क्या आप कभी सोशल मीडिया में लोगों की राय से थक जाते हैं ?

क्या आप कभी सोशल मीडिया में लोगों की राय से थक जाते हैं? ऐसा ही होता है।. यही कारण है कि गुणी लोग ब्लॉगिंग से प्यार करते हैं। । एक ब्लॉग का विकास इतना अधिक रोचक और सामाजिक मीडिया में बहुत ही आनन्ददायक है । अब तो जवाबदेह सभ्य समाज की धीरे धीरे एक धारणा विकसित हो रही है कि जो लोग ब्लॉग नहीं रखे हैं  या किसी पत्रिका से नहीं जुड़े हैं, दिलचस्प मंचों में भाग लेने या लेख लिखने के लिए , सोच की अपनी प्रक्रिया में वास्तव में गरीब है और अपने लेखन क्षमताओं पर एक जुल्म कर रहे हैं । आज ब्लॉगिंग की सोच में कोडिंग के ज्ञान, मेटा-टैगिंग, और भी अधिक की आवश्यकता है । आज ऐसे लोगों की एक बड़ी भीड़ सोशल मीडिया में बढ़ गयी है, उन्हें लेकर यह सोचा जा सकता है कि क्या हम Facebook में लिखने के स्तर पर ग़ौर करते हैं? हम कैसे खुद को व्यक्त करे, पता नहीं है। ठीक से लिखना यह भी  पता नहीं है । आज की ...
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