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क्षेत्रीय सुरक्षा , शांति और सहयोग की प्रबल संभावना – चीथड़ों में लिपटी पाकिस्तान की राष्ट्रीयत

“ क्षेत्रीय सुरक्षा , शांति और सहयोग की प्रबल संभावना – चीथड़ों में लिपटी पाकिस्तान की राष्ट्रीयत ा “ —गोलोक विहारी राय पिछले कुछ वर्षों...

Monday 20 January 2014

क्या फिर वही इतिहास अमेरिका दुहरायेगा

क्या फिर वही इतिहास अमेरिका दुहरायेगा 

  • क्या आप जानते हैं कि ... अमेरिका किस प्रकार अपने हितो के लिए किसी भी देश में ...अपना राजनैतिक आधार तैयार करता है ...?

    इतिहास देखिये ...

    ईराक में 70 के दशक में ईराक में अस्थिता का माहौल अमेरिका ने बनाया और ...शुन्य से एक नौजवान को ...एक छात्र जीवन से उठाकर ...उसका टीवी के द्वारा प्रचार करवाकर ...रातों रात ईराक का हीरो बना दिया ...जानते है उसका नाम क्या था ...???

    उसका नाम था ...सद्दाम हुसैन ...जो की एक कोलेज का छात्र था ...छात्र राजनीती में भाग लेता था ...उसको अमेरिका ने इतना प्रसिद्ध करवा दिया की उसको रातों रात " बाथ " पार्टी का अध्यक्ष तक बनवा दिया ...और यही बाद में ...ईराक का राष्ट्रपति बना ...जब वह ...अपने देश को आगे ले जाने की सोचने लगा तो ...अमेरिका हो अखरने लगा ...और ...बाद में सब जानते है की अमेरिका ने उसके साथ - साथ ...उसके देश ईराक का क्या किया ...???

    दूसरा उदाहरण ...है ओसामा बिना लादेन का ...जो की अगानिस्तान में जब आया था तो इंजिनियर का छात्र था ...उस समय अफगानिस्तान में रुसी सेनाये थी ...अमेरिका ने लादेन को सपोर्ट किया ...उसको आधुनिक हथियार दिए ...रुसी सेनाओं के खिलाफ लड़ने के लिए ...जब रुसी सेनाये अफगानिस्तान छोड़ कर चली गयी ...तो लादेन तालिबान की मदद से वहां का शासन चलाने लगा ...जब उसने अपने देश के लिए कुछ करना चाहा और अमेरिको के हित में काम करने से मना कर दिया तो ...लादेन और अफगानिस्तान का क्या हुआ ...यह भी पूरा विश्व जानता है ...

    मित्रो अमेरिका की निति ही यह है ...कि यदि किसी देश की सत्ता उसके हितों की जब अनदेखी शुरू कर देती है ...तो वह उसी देश में एक ...मसीहा का निर्माण करता है ...

    ...कमोबेस आज भारत में भी यही हो रहा है ...मोदी जी की भारत में बढती लोकप्रियता और स्वीकार्यता को देखते हुए और कोंग्रेस के पतन को देखते हुए ...उसमे फिर वही अपनी पुरानी नीति भारत के लिए अपनाई है ...ताकि स्वदेशी का आन्दोलन चलाने वालों को कुचला जा सके ...जिससे उसके देश की अर्थव्यवस्था चल सके ...इसके लिए उसने ...आज फिर अपना दांव भारत में खेला ...है ...जिसे कोई भी टीवी प्रभावित भारत का नागरिक नहीं देख और समझ पा रहा है ...

    आज 2 साल पहले तक गुमनामी के अँधेरे में रहने वाले चेहरे को अपनी ख़ुफ़िया एजेंसी #CIA के वैश्विक दलाल#Ford_Foundation के माध्यम से एक #नक्सली_कामरेड केजरीवाल को भारत (माफ़ करना विदेश) के बिकाऊ मिडिया के सहयोग से हीरो बना दिया ...और भारत की जनता विश्व के अमेरिकी इतिहास से अनजान होकर ...राष्ट्रवादी शक्तियों के विरोध में लग गयी है ...यह निश्चय ही बहुत दुर्भाग्य पूर्ण है ..इसका दूरगामी प्रभाव बहुत ही विनाशकारी सिद्ध होगा ,,,,,
    Sharad Shukla

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