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क्षेत्रीय सुरक्षा , शांति और सहयोग की प्रबल संभावना – चीथड़ों में लिपटी पाकिस्तान की राष्ट्रीयत

“ क्षेत्रीय सुरक्षा , शांति और सहयोग की प्रबल संभावना – चीथड़ों में लिपटी पाकिस्तान की राष्ट्रीयत ा “ —गोलोक विहारी राय पिछले कुछ वर्षों...

Monday, 27 January 2014

वादे क्या सिर्फ भुलाने के लिए होते हैं ?

फिर भी हमारी सार्वभौमिकता पर कोई आंच नहीं ?


Still not jeopardized our sovereignty
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कब पीओके छोड़ेगा पाक

वादे क्या सिर्फ भुलाने के लिए होते हैं ? शायद नहीं। खासकर वे वादे, जो पूरे मुल्क से किए गए हों, जिनसे न सिर्फ देश के जज्बात जुड़े हों, बल्कि मुल्क की अस्मत और अहमियत के लिए भी खास मायने रखते हों।

22 फरवरी 1994 - यह बेहद खास दिन है भारत की कश्मीर नीति के नजरिए से। करीब 20 साल पहले उस दिन संसद ने एक प्रस्ताव ध्वनिमत से पास करके पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) पर अपना हक जताते हुए कहा था कि पाकिस्तान का जम्मू-कश्मीर भारत का अटूट अंग है। पाकिस्तान को उस हिस्से को छोड़ना होगा, जिस पर उसने कब्जा जमाया हुआ है।

संसद के प्रस्ताव का संक्षिप्त अंश

यह सदन पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में चल रहे आतंकियों के शिविरों पर गंभीर चिंता जताता है कि उसकी तरफ से आतंकियों को हथियार और पैसे की सप्लाई के साथ-साथ ट्रेंड आतंकियों को घुसपैठ करने में मदद दी जा रही है। सदन भारत की जनता की ओर से घोषणा करता है-

(1) जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा। भारत के इस भाग को देश से अलग करने का हर संभव तरीके से जवाब दिया जाएगा।
(2) भारत में इस बात की क्षमता और संकल्प है कि वह उन नापाक इरादों का मुंहतोड़ जवाब दे जो देश की एकता, प्रभुसत्ता और क्षेत्रीय अंखडता के खिलाफ हो। और मांग करता है -
(3) पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर के उन इलाकों को खाली करे, जिन पर उसने कब्जा किया हुआ है।(4) भारत के आतंरिक मामलों में किसी भी हस्तक्षेप का कठोर जवाब दिया जाएगा।
हड़पी जमीन चीन वापस देगा?
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8 नवंबर 1962 देश के संसदीय इतिहास का अहम दिन। उस दिन संसद में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने प्रस्ताव रखा था कि चीन से देश के उस हिस्से (अक्सईचिन) को वापस लेने के बारे में, जो उसने 1962 की जंग के बाद कब्जा लिया था। प्रस्ताव में कहा गया था - यह सदन पूरे विश्वास के साथ भारतीय जनता के संकल्प को दोहराना चाहता है कि भारत की पवित्र भूमि से आक्रमणकारी को खदेड़ दिया जाएगा।
जम्मू - कश्मीर कुल क्षेत्रफल -- २,२२,००० वर्ग कि० मी०
वर्त्तमान जम्मू - कश्मीर का क्षेत्रफल -- १,०१,००० वर्ग कि० मी०
पाकिस्तान का कब्ज़ा ------ ७८,००० वर्ग कि० मी०
चीन का कब्ज़ा ------ ४३,००० वर्ग कि० मी०

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