मैं देशका नौजवान हूँ
मैं आवारा हूँ, अपराधी भी
मानो तो कातिल भी
नौकरी की सनक में
दर दर फिरता
सडकों पर फिरता
घरों को लूटता
मैं देश का नौजवान हूँ
यों कहो तो
मैं देश का वर्तमान हूँ ।
कंपनियों ने हमको बहकाया
पैकेज की नौकरी दिलवाया
चौंकाचौँध की दुनिया दिखाया
नानाविधि संसाधन दिलवाया
आया उनकी मंदी का दौर
बाहर का रास्ता दिखाया
आज मैं वासी इंसान हूँ
मैं देश का कचरा हूँ
मैं देश का वर्तमान हूँ ।।
गरीबी की मार सहकर
अपनों की दुत्कार सहकर
ढ़ूँढ रहा हूँ अपना कोई
रुपयों की इस खनखन में
हजारों की भीड़ में
मैं देश का नौजवान हूँ ।।।
अपने ही घर में
सच्चाई क्या है मेरी
मैं हूँ कौन? किससे पूँछू?
यह सवाल अब
आवारा,बेरोजगार, नक्सली, आतंकी
या अनेकों नाम है मेरे
मैं देश का नौजवान हूँ
मैं देश का वर्तमान हूँ।।।।
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