From Nepal......
मधेशी जनाधिकार फोरम सहित सात दल एक जगह - नये मधेशी मोर्चे का निर्माण
मधेशी जनाधिकार फोरम के साथ छः जनजाति-आदिवासी दलों ने यह निर्णय लिया कि वे पहचान विहीन संघियता, संघियता विहीन संविधान, आत्मनिर्णय के अधिकार और स्वायतता विहीन प्रदेश कि रचना मान्य नहीं करेंगे।
म० ज० फोरम, ताम्सालिंग , नेपाल राष्ट्रिय दल, संघीय लोकतांत्रिक राष्ट्रिय मंच, राष्ट्रिय जनमुक्ति पार्टी, जनमुक्ति पार्टी नेपाल,नेवाः राष्ट्रिय पार्टी और नेपाल नागरिक पार्टी ने एक मोर्चा का निर्माण कर यह चेतावनी दे डाली है कि तिन बड़े राजनैतिक दल पहचान के साथ संघीय राज्य का निर्माण नहीं करने का षड़यंत्र कर रहे है। जिसका परिणाम भयंकर होगा।
म० ज० फोरम अध्यक्ष उपेन्द्र यादव की यह मान्यता है कि बड़े तिन दल के नेता राष्ट्र को अनिर्णय की स्थिति में बंधक बनाये हुए है। इन तिन दलों के षड़यंत्र से यदि २७ मई तक संघीय गणतांत्रिक व समावेशी संविधान न बनाने पर देश की जनता इसका हिसाब कर लेगी।
ताम्सालिंग अध्यक्ष परशुराम तमांग की यह स्पष्ट सोच है कि देश की आदिवासी जनजाति के हक़ - हित में भाषा, संस्कृति और जाति (पहचान) के अधिकार के साथ संघीय राज्य का निर्माण ही एक मात्र विकल्प है।
मोर्चा ने स्पष्ट और कड़े शब्दों में यह मांग रखा है कि सरकार द्वारा विगत समय में मधेश, लिम्बुवान, ताम्सालिंग, थारुहत स्वायत प्रदेश पहचान के साथ बनाने की समय समय पर हुए आंदोलनरत समूहों के साथ सहमति और समझौता का इमानदारी के पूर्वक पालन हो।
मोर्चा ने दुसरे चरण में १५ दलों के मधेशी सभासदों ने उपेन्द्र यादव की अध्यक्षता में सात
सदस्यीय समिति का निर्माण हुआ। जो एक साझा अवधारना का ड्राफ्ट तैयार कर प्रधानमंत्री और संविधान सभा को सौपेंगी।
मधेशी जनाधिकार फोरम सहित सात दल एक जगह - नये मधेशी मोर्चे का निर्माण
मधेशी जनाधिकार फोरम के साथ छः जनजाति-आदिवासी दलों ने यह निर्णय लिया कि वे पहचान विहीन संघियता, संघियता विहीन संविधान, आत्मनिर्णय के अधिकार और स्वायतता विहीन प्रदेश कि रचना मान्य नहीं करेंगे।
म० ज० फोरम, ताम्सालिंग , नेपाल राष्ट्रिय दल, संघीय लोकतांत्रिक राष्ट्रिय मंच, राष्ट्रिय जनमुक्ति पार्टी, जनमुक्ति पार्टी नेपाल,नेवाः राष्ट्रिय पार्टी और नेपाल नागरिक पार्टी ने एक मोर्चा का निर्माण कर यह चेतावनी दे डाली है कि तिन बड़े राजनैतिक दल पहचान के साथ संघीय राज्य का निर्माण नहीं करने का षड़यंत्र कर रहे है। जिसका परिणाम भयंकर होगा।
म० ज० फोरम अध्यक्ष उपेन्द्र यादव की यह मान्यता है कि बड़े तिन दल के नेता राष्ट्र को अनिर्णय की स्थिति में बंधक बनाये हुए है। इन तिन दलों के षड़यंत्र से यदि २७ मई तक संघीय गणतांत्रिक व समावेशी संविधान न बनाने पर देश की जनता इसका हिसाब कर लेगी।
ताम्सालिंग अध्यक्ष परशुराम तमांग की यह स्पष्ट सोच है कि देश की आदिवासी जनजाति के हक़ - हित में भाषा, संस्कृति और जाति (पहचान) के अधिकार के साथ संघीय राज्य का निर्माण ही एक मात्र विकल्प है।
मोर्चा ने स्पष्ट और कड़े शब्दों में यह मांग रखा है कि सरकार द्वारा विगत समय में मधेश, लिम्बुवान, ताम्सालिंग, थारुहत स्वायत प्रदेश पहचान के साथ बनाने की समय समय पर हुए आंदोलनरत समूहों के साथ सहमति और समझौता का इमानदारी के पूर्वक पालन हो।
मोर्चा ने दुसरे चरण में १५ दलों के मधेशी सभासदों ने उपेन्द्र यादव की अध्यक्षता में सात
सदस्यीय समिति का निर्माण हुआ। जो एक साझा अवधारना का ड्राफ्ट तैयार कर प्रधानमंत्री और संविधान सभा को सौपेंगी।
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