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Wednesday 3 May 2017

ट्रिपल तलाक से पीडि़त मुस्लिम महिलाओं तक न्‍याय पहुंचना जरूरी: : सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एमवाई इकबाल

ट्रिपल तलाक से पीडि़त मुस्लिम महिलाओं तक न्‍याय पहुंचना जरूरी: : सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एमवाई इकबाल


फोरम फॉर अवेयरनेस ऑफ नेशनल सिक्योरिटी (दिल्ली चैप्टर) की ओर से 24 अप्रैल, 2017 को कृष्ण मेनन भवन, भगवान दास रोड (सुप्रीम कोर्ट) में ट्रिपल तलाक, श्री राम जन्‍मभूमि मंदिर और अभिव्‍यक्ति की स्‍वतंत्रता पर दोहरे मापदंड को लेकर एक सेमिनार का आयोजन किया गया।

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्‍यायाधीश एमवाई इकबाल ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि ट्रिपल तलाक एक ज्‍वलंत मुद्दा है और इस पर गंभीर चर्चा जरूरी है। ट्रिपल तलाक से पीडि़त मुस्लिम महिलाओं तक सामाजिक न्‍याय पहुंचना जरूरी है।

एमवाई इकबाल ने कहा कि तीन तलाक के नाम पर मुस्लिम महिलाओं का शोषण हो रहा है। तलाक के इस्तेमाल से महिलाओं के साथ उनके बच्चों के भविष्य को अंधेरे में डाल दिया जाता है। अधिकांश मामलों में गुजारे भत्ते और संपत्ति में से हक नहीं मिलता। यह मुस्लिम महिलाओं की दयनीय हालत के लिए जिम्मेदार है।

उन्‍होंने कहा कि ट्रिपल तलाक के खिलाफ मामला अब सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। कोर्ट के वृहद् पीठ के अधीन इस मामले में सुनवाई होनी है। ऐसे में इस मामले के शीर्ष कोर्ट में होने के चलते उन्‍होंने इसके प्रावधानों को लेकर कोई टिप्‍पणी करने से इनकार किया और कहा कि इस पर कोई प्रतिक्रिया देना अभी उचित नहीं होगा।

हालांकि, पूर्व जज ने यह जरूर कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इस मामले का विरोध कर रहे हैं। बोर्ड का यह कहना है कि ये उनका संवैधानिक अधिकार है और बाहरी तत्‍व इसमें हस्‍तक्षेप न करें। शरीयत और शरिया लॉ का हवाला देकर इसे वह जायज ठहराने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि केंद्र सरकार ट्रिपल तलाक से पीडि़त मुस्लिम महिला का समर्थन कर रही है। प्रधानमंत्री ने भी कहा है कि ट्रिपल तलाक से पीडि़त मुस्लिम महिलाओं तक सामाजिक न्‍याय पहुंचना जरूरी है। हालांकि, उन्‍होंने इशारों में यह कहने की जरूर कोशिश की कि ट्रिपल तलाक से महिलाओं के समानता सहित दूसरे अधिकारों का हनन होता है और इसमें सुधार जरूरी है।

अभिव्‍यक्ति की स्‍वतंत्रता विषय पर उन्‍होंने कहा कि संविधान के तहत सभी को बोलने की आजादी है लेकिन इसकी एक मर्यादा और सीमा होनी चाहिए। उन्‍होंने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की आलोचना की और कहा कि देश की एकता, अखंडता को धार्मिक आधार पर नुकसान नहीं पहुंचने देना चाहिए।

इस समारोह में माननीय श्री इंद्रेश कुमार जी (सदस्‍य, राष्‍ट्रीय कार्यकारी मंडल, राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ) बतौर मुख्‍य अतिथि मौजूद रहे।

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