एक ही Clan के दो मज़हबों के बीच कितनी बड़ी नफ़रत
'फ़लस्तीनी ने कहा था यहूदियों को जला दो'
इसराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की उस बयान की आलोचना की जा रही है जिसमें उन्होंने कहा था कि फ़लस्तीनी नेताओं ने नाज़ियों को हॉलोकास्ट के लिए उकसाया था.
नेतन्याहू ने बयान में ज़ोर देकर कहा कि अडोल्फ़ हिटलर यहूदियों को यूरोप से सिर्फ़ बाहर निकालना चाहते थे लेकिन येरुशलम के तत्कालीन ग्रैंड मुफ़्ती हज अमीन अल-हुसैनी ने उन्हें कहा, "जला दो उन्हें."
हुसैनी एक फ़लस्तीनी राष्ट्रवादी नेता थे जिन्होंने यहूदियों और ब्रितानी अधिकारियों के ख़िलाफ़ 1920 और 1930 में हिंसक अभियान का नेतृत्व किया था.
वह इस इलाक़े से 1937 में भाग गए थे लेकिन वे इलाक़े को यहूदी और अरब दो हिस्सों में विभाजन के प्रस्ताव के खिलाफ़ थे. वह द्वितीय विश्वयुद्ध में नाज़ियों के सहयोगी थे.
हुसैनी नवंबर 1941 में बर्लिन में हिटलर से मिले थे. तत्कालीन जर्मन अख़बारों के अनुसार उन्होंने नाज़ी नेता से अरब देश के निर्माण के लिए समर्थन का ऐलान करने का आग्रह किया था.
लेकिन मंगलवार को येरुशलम में वर्ल्ड ज़ियोनिस्ट कॉंग्रेस में नेतन्याहू ने कहा, "उस समय हिटलर यहूदियों को मारना नहीं चाहता था- वह उन्हें निकाल देना चाहता था."
"लेकिन हज अमीन अल-हुसैनी हिटलर के पास गया और कहाः 'अगर तुम उन्हें निकाल दोगे, तो वह सब यहां आ जाएंगे.'"
"उसने (हिटलर ने) पूछा 'तो मैं उनका क्या करूं?' उसने (हुसैनी ने) कहाः 'जला दो उन्हें'."
हालांकि हॉलोकास्ट में मारे गए लोगों की याद में बने इसराइली मेमोरियल के मुख्य इतिहासकार का कहना है कि यह बात ऐतिहासिक रूप से सही नहीं है.
इसराइल के विपक्ष के नेता ने इसे 'ख़तरनाक ऐतिहासिक विकृति' करार दिया है.
एक वरिष्ठ फ़लस्तीनी अधिकारी ने कहा कि इससे पता चलता है कि नेतन्याहू फ़लस्तीनियों से इतना चिढ़ते हैं कि वह हिटलर को भी क्षमा करने को तैयार हैं.
अक्टूबर की शुरुआत में फ़लस्तीनियों के इसराइल पर चाकू और गोलियों से हमले किए जाने और बदले में एक इसराइली के चाकूबाज़ी करने के बाद से दोनों के बीच तनाव चरम पर है.
इसराइली सुरक्षा बलों की फ़लस्तीनियों से झड़प हुई है जिसमें फ़लस्तीनियों की मौत हुई हैं. यह हिंसा गज़ा से लगती सीमा पर भी फैल गई है
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