जिंदगी में चलते चलते
हम कहाँ आगये
हर दिन
अजीब मुसीबतों संग
लड़ते लड़ते तंग आगये
हम कहाँ आगये
हर दिन
अजीब मुसीबतों संग
लड़ते लड़ते तंग आगये
अक्सर ऐसा होता है
दिमाग अशान्त होता है
दिल लाख चाहे
खुश होना फिर भी
उदासियों का ही
बसेरा होता है
दिमाग अशान्त होता है
दिल लाख चाहे
खुश होना फिर भी
उदासियों का ही
बसेरा होता है
उदासियाँ अकसर
मौन कर देती हैं
खुशियां चीख चीख कर
अपना अहसास करवाती हैं
व्यवस्था सम्बन्धों की
बेड़ियों में जो हम हैं
आज़ादी कुछ यों ही
छटपटाती है
मौन कर देती हैं
खुशियां चीख चीख कर
अपना अहसास करवाती हैं
व्यवस्था सम्बन्धों की
बेड़ियों में जो हम हैं
आज़ादी कुछ यों ही
छटपटाती है
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